किशनगंज, बिहार — जन वितरण प्रणाली (PDS) के तहत काम कर रहे फेयर प्राइस शॉप डीलरों ने सोमवार को जिला समाहरणालय के सामने एक दिवसीय धरना देकर अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। यह प्रदर्शन मुख्यतः 22 अगस्त को पटना में डाकबंगला चौराहे पर पुलिस द्वारा किए गए कथित बलप्रयोग और महिला डीलरों के साथ दुर्व्यवहार के विरोध में किया गया।
धरना का आयोजन फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन द्वारा किया गया, जिसमें सैकड़ों डीलरों ने हिस्सा लिया। एसोसिएशन ने साफ कहा कि जब तक पटना में गिरफ्तार किए गए डीलरों की बिना शर्त रिहाई नहीं होती, और सरकार द्वारा डीलरों की मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाया जाता, तब तक आंदोलन का स्वरूप और तेज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?
फेयर प्राइस डीलरों के संगठन के अनुसार, 9 अगस्त को पश्चिम चंपारण के गांधी आश्रम, भिट हरवा से एक शांतिपूर्ण पदयात्रा निकाली गई थी, जो राज्यव्यापी मुद्दों पर सरकार का ध्यान खींचने के लिए आयोजित की गई थी। यह मार्च पटना के गांधी मैदान में जाकर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ समाप्त होना था।
हालांकि, 22 अगस्त को जब प्रदर्शनकारी पटना के डाकबंगला चौराहे पर पहुंचे, तो वहां पुलिस ने बलपूर्वक कार्रवाई की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस दौरान महिला विक्रेताओं के साथ अभद्रता और धक्का-मुक्की की गई। इसी घटना के विरोध में किशनगंज के राशन विक्रेताओं ने जिला मुख्यालय के समक्ष धरना दिया और सरकार से इस “अमानवीय व्यवहार” का जवाब मांगा।

क्या हैं विक्रेताओं की प्रमुख मांगें?
धरना प्रदर्शन के दौरान राशन दुकानदारों ने कई ज्वलंत मांगें सरकार के सामने रखीं, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- प्रति क्विंटल 300 रुपये कमीशन या 30,000 रुपये मासिक मानदेय
- पिछले आठ महीनों से लंबित कमीशन का तत्काल भुगतान
- अनुकंपा नियुक्तियों की बहाली और आयु सीमा की समाप्ति
- “वन नेशन, वन कमीशन” नीति का राज्य में त्वरित कार्यान्वयन
डीलरों का कहना है कि वर्तमान में उन्हें प्रति क्विंटल केवल 90 रुपये कमीशन मिलता है, जिससे उनकी मासिक आय 5,000 से 7,000 रुपये के बीच ही सिमट जाती है — वह भी तब जब भुगतान समय पर हो, जो कि अक्सर नहीं होता।
आर्थिक संकट और असुरक्षा की स्थिति
विक्रेताओं ने बताया कि कम कमीशन और भुगतान में देरी के चलते उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कई डीलरों का कहना है कि इतनी कम आमदनी में दुकान चलाना, कर्मचारियों का वेतन देना, परिवहन खर्च उठाना और स्वयं के परिवार का भरण-पोषण करना बेहद कठिन हो गया है।
विक्रेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द सुनवाई नहीं हुई, तो किशनगंज जिले के सभी डीलर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिससे जन वितरण प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।
जिला प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन
धरना के दौरान फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों का एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा, जिसकी प्रतिलिपि राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी भेजी गई है। संगठन ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि राशन डीलरों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए।
आगे की रणनीति
एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक चेतावनी है और अगर सरकार ने अब भी कदम नहीं उठाया, तो यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप ले सकता है।
“हम सरकार से कोई अनैतिक या अतिरिक्त सुविधा नहीं मांग रहे हैं,” एक डीलर ने कहा। “हम बस इतना चाहते हैं कि हमारे मेहनत के बदले हमें समय पर और सम्मानजनक पारिश्रमिक मिले।”
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