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मधुबनी में प्रशांत किशोर का बड़ा हमला: मोदी-लालू पर साधा निशाना

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मधुबनी, बिहार – जन सुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर ने सोमवार को मधुबनी के एमवाईएन हाई स्कूल मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार की मौजूदा राजनीति और नेताओं पर तीखा हमला बोला। साथ ही राज्य के भविष्य को लेकर तीन बड़े वादे करते हुए जनता से बदलाव की अपील की।

मधुबनी में प्रशांत किशोर का बड़ा हमला: मोदी-लालू पर साधा निशाना
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मोदी पर निशाना: “बिहार से वोट और पैसा, फैक्ट्री गुजरात-महाराष्ट्र में”

प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे बिहार से सिर्फ वोट और देश का पैसा लेते हैं, लेकिन विकास का लाभ दूसरे राज्यों को मिलता है। उन्होंने कहा,

“बिहार के लोगों का वोट लेकर, और देश की पूंजी को उठाकर गुजरात और महाराष्ट्र में फैक्ट्री लगवाई जा रही हैं। वहीं, बिहार का युवा उन्हीं फैक्ट्रियों में 10-12 हजार रुपये की मामूली तनख्वाह पर काम करने को मजबूर है।”

उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब बिहार के पास युवा शक्ति और श्रमबल है, तो यहां उद्योग-धंधे क्यों नहीं लगते?

मधुबनी में प्रशांत किशोर का बड़ा हमला: मोदी-लालू पर साधा निशाना
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लालू यादव पर हमला: “नौवीं फेल को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं”

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर भी प्रशांत किशोर ने करारा हमला बोला। उन्होंने कहा,

“लालू जी अपने 9वीं फेल बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि बिहार का मैट्रिक, बीए और एमए पास युवा बेरोजगारी की मार झेल रहा है। क्या यह न्याय है?”

उन्होंने इसे ‘परिवारवाद की राजनीति’ का उदाहरण बताया और युवाओं को सचेत रहने की सलाह दी।

मधुबनी में प्रशांत किशोर का बड़ा हमला: मोदी-लालू पर साधा निशाना
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तीन बड़े वादे: पेंशन, मुफ्त शिक्षा और रोजगार

प्रशांत किशोर ने जनसभा में बिहार के लोगों से वादा किया कि जन सुराज की सरकार बनने पर दिसंबर 2025 से तीन प्रमुख योजनाएं लागू की जाएंगी:

  1. बुजुर्गों को पेंशन:
    60 वर्ष से अधिक आयु के सभी बुजुर्गों को ₹2000 प्रतिमाह की पेंशन दी जाएगी।
  2. बच्चों को मुफ्त शिक्षा:
    जब तक सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधरती, तब तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।
  3. युवाओं को रोजगार:
    बिहार से बाहर गए 50 लाख युवाओं को वापस लाकर राज्य में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। हर युवा को ₹10,000 से ₹12,000 मासिक वेतन वाली नौकरियां दी जाएंगी।
“यह आखिरी बदहाली वाली छठ है”

प्रशांत किशोर ने अपने भाषण में भावुक अपील करते हुए कहा,

“यह साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी। इसके बाद बिहार के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।”

उन्होंने कहा कि बिहार का असली बदलाव मधुबनी जैसे जिलों से शुरू होगा और आम जनता को जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर जन सुराज के आंदोलन से जुड़ने की जरूरत है।

मधुबनी में प्रशांत किशोर का बड़ा हमला: मोदी-लालू पर साधा निशाना
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जाति-धर्म नहीं, शिक्षा-रोजगार पर वोट करें: PK

अंत में प्रशांत किशोर ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि जनता जाति और धर्म की राजनीति को दरकिनार कर शिक्षा, रोजगार और बुजुर्गों की सुरक्षा जैसे असल मुद्दों पर विचार करे। उन्होंने कहा,

“बिहार की जनता अगर ठान ले, तो बदलाव नामुमकिन नहीं। जन सुराज कोई पार्टी नहीं, बल्कि एक आंदोलन है – एक नए बिहार की दिशा में।”


पृष्ठभूमि: बिहार बदलाव यात्रा

प्रशांत किशोर की ‘बिहार बदलाव यात्रा’ पिछले कई महीनों से जारी है, जिसके तहत वे गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं और ‘जन सुराज’ के विजन को सामने रख रहे हैं। मधुबनी की यह रैली अब तक की सबसे बड़ी रैलियों में से एक मानी जा रही है।

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