किशनगंज, बिहार:
आयकर विभाग ने उद्योगपति जयकरण दफ्तरी से जुड़े दफ्तरी ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 100 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का खुलासा किया है। यह छापेमारी पिछले शुक्रवार से जारी है, जिसमें किशनगंज के विभिन्न इलाकों में फैले 25 से अधिक ठिकानों को शामिल किया गया है।
कार्रवाई का नेतृत्व आयकर विभाग की सीनियर अधिकारी सुनीता कुमारी कर रही हैं। अधिकारियों ने नेमचंद रोड, भगतटोली, धर्मशाला रोड, पश्चिमपाली और सुभाषपाली जैसे क्षेत्रों में स्थित आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर छापेमारी की।

1000 से अधिक संपत्ति दस्तावेज और सोने के आभूषण बरामद
छापेमारी के दौरान टीम को 1000 से ज्यादा प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज, बड़ी मात्रा में सोने के आभूषण और डिजिटल डेटा मिले हैं। इसके अलावा, एक फर्नीचर शोरूम में फर्जी खरीद-बिक्री के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जिससे टैक्स चोरी की आशंका जताई जा रही है।

हवाला नेटवर्क और काले धन की जांच में जुटी एजेंसियां
यह कार्रवाई आर्थिक अनियमितताओं, हवाला लेनदेन और काले धन के नेटवर्क की जांच के लिए की गई है। विभाग को संदेह है कि जब्त दस्तावेजों में कई अवैध वित्तीय गतिविधियों के प्रमाण मिल सकते हैं।

दफ्तरी ग्रुप के व्यवसाय का बड़ा नेटवर्क
दफ्तरी ग्रुप का कारोबार चाय बागानों से लेकर मॉल, कपड़ा, फर्नीचर, होटल, वाहन बिक्री और कंस्ट्रक्शन तक फैला हुआ है। इसे तीन भाई—राजकरण, जयकरण और विजयकरण दफ्तरी—मिलकर संचालित करते हैं।

छापेमारी के दौरान राजकरण दफ्तरी की तबीयत बिगड़ी
सोमवार रात, छापेमारी के दौरान ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य राजकरण दफ्तरी से पूछताछ की जा रही थी, जब उन्हें अचानक सीने में दर्द हुआ और वे बेहोश हो गए। उन्हें पहले किशनगंज के एक निजी नर्सिंग होम और फिर सिलीगुड़ी स्थित ICU में भर्ती कराया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें कोलकाता के अपोलो अस्पताल में रेफर किया गया, जहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
व्यापारिक समुदाय में चिंता का माहौल

इस छापेमारी से किशनगंज के व्यापारिक हलकों में हड़कंप मच गया है। कई व्यापारी और कारोबारी इसे बड़े पैमाने पर जांच का संकेत मान रहे हैं। हालांकि, आयकर विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रेस बयान जारी नहीं किया गया है, और जांच जारी है।
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