पूर्णिया, बिहार: सीमांचल क्षेत्र के लिए एक लंबे समय से प्रतीक्षित सपना अब हकीकत में बदलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर 2025 को पूर्णिया हवाई अड्डे का उद्घाटन करने वाले हैं। यह हवाई अड्डा न केवल पूर्णिया, बल्कि अररिया, कटिहार, किशनगंज और मधेपुरा जैसे आसपास के जिलों के लिए भी विकास का एक नया द्वार खोलेगा। यह परियोजना सीमांचल और कोशी क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करने और आर्थिक प्रगति को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

पूर्णिया एयरपोर्ट: सीमांचल का नया गौरव
पूर्णिया हवाई अड्डा, जिसे अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (IATA) ने कोड PXN प्रदान किया है, बिहार का चौथा कार्यशील हवाई अड्डा होगा, जो पटना, गया और दरभंगा के बाद राज्य के विमानन नक्शे में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इस हवाई अड्डे का निर्माण केंद्र सरकार की उदान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत किया गया है। हवाई अड्डे का रनवे, जो 2800 मीटर लंबा है, और 3000 वर्ग मीटर में फैला अस्थायी टर्मिनल भवन, आधुनिक सुविधाओं से लैस है। टर्मिनल में छह चेक-इन काउंटर, दो बोर्डिंग गेट, दो अराइवल गेट और दो डिपार्चर गेट शामिल हैं, जो पीक आवर्स में 300 यात्रियों को संभालने में सक्षम है। हवाई अड्डे का इंटीरियर स्थानीय मंजूषा कला से सजा हुआ है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

उद्घाटन समारोह और जनसभा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को पूर्णिया के शीशाबारी गांव में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसमें पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज और मधेपुरा जिलों से भारी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इस दौरान प्रधानमंत्री न केवल हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे, बल्कि पहली व्यावसायिक उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इसके साथ ही, वे कई अन्य विकास परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास भी करेंगे, जिनमें लगभग 350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला दूसरा टर्मिनल भवन भी शामिल है।

सीमांचल के लिए ऐतिहासिक कदम
यह हवाई अड्डा सीमांचल और कोशी क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर साबित होने की उम्मीद है। लंबे समय से इस क्षेत्र के लोग बेहतर कनेक्टिविटी की मांग कर रहे थे, क्योंकि उन्हें यात्रा के लिए पटना या बागडोगरा जैसे दूर के हवाई अड्डों पर निर्भर रहना पड़ता था। अब, इंडिगो और स्टार एयर जैसी एयरलाइंस द्वारा दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद और अन्य शहरों के लिए उड़ानें शुरू करने की घोषणा के साथ, क्षेत्र के लोगों को न केवल सुविधाजनक यात्रा विकल्प मिलेंगे, बल्कि पर्यटन, व्यापार और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

महिला सशक्तीकरण की पहल
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महत्वपूर्ण महिला सशक्तीकरण योजना की भी शुरुआत करेंगे। इसके तहत, प्रत्येक परिवार की एक महिला के बैंक खाते में 10,000 रुपये की राशि हस्तांतरित की जाएगी। यह कदम क्षेत्र में आर्थिक समावेशन और महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। स्थानीय नेताओं ने इसे बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका
इस परियोजना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका को भी सराहा जा रहा है। उनकी पहल और केंद्र सरकार के साथ समन्वय ने इस परियोजना को समय पर पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। स्थानीय लोग और भाजपा के वरिष्ठ नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह हवाई अड्डा बिहार के विकास के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्षेत्र में उत्साह का माहौल
हवाई अड्डे के उद्घाटन से पहले पूर्णिया और आसपास के क्षेत्रों में उत्साह और खुशी का माहौल है। लोग इसे न केवल एक बुनियादी ढांचा परियोजना के रूप में देख रहे हैं, बल्कि यह क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए एक नई शुरुआत के रूप में भी मान रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने अपने वादे को पूरा करके साबित कर दिया है कि सीमांचल का विकास उनकी प्राथमिकता में है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले रणनीतिक महत्व
यह उद्घाटन बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले हो रहा है, जिसे एक रणनीतिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है। पूर्णिया हवाई अड्डा और अन्य विकास परियोजनाएं न केवल क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगी, बल्कि एनडीए सरकार की विकासोन्मुखी छवि को भी प्रबल करेंगी। इस क्षेत्र में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की साझेदारी को एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
निष्कर्ष
पूर्णिया हवाई अड्डे का उद्घाटन सीमांचल के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि आर्थिक विकास, पर्यटन और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा और हवाई अड्डे का उद्घाटन बिहार के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सीमांचल के लोग इस नए युग की शुरुआत का उत्साहपूर्वक स्वागत कर रहे हैं।
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