किशनगंज जिले के मुख्य डाकघर परिसर में संचालित पासपोर्ट सेवा केंद्र में पिछले कई दिनों से तकनीकी खराबी के चलते कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है। कंप्यूटर सिस्टम में आई गंभीर तकनीकी खराबी के कारण पासपोर्ट वेरिफिकेशन सहित सभी सेवाएं बंद हैं। हैरानी की बात यह है कि ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम अब भी सक्रिय है, जिससे दूर-दराज से अपॉइंटमेंट लेकर पहुंचे सैकड़ों आवेदकों को भारी परेशानी और निराशा का सामना करना पड़ रहा है।

हर दिन लौट रहे हैं दर्जनों आवेदक, गुस्सा चरम पर
पूर्णिया, डगरवा, दिघलबैंक, ताराबाड़ी, बहादुरगंज और बारसोई जैसे जिले के पिछड़े और सीमावर्ती इलाकों से प्रतिदिन दर्जनों आवेदक पासपोर्ट आवेदन या वेरिफिकेशन के लिए किशनगंज पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंच रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में छात्र, नौकरी के इच्छुक युवा, मजदूर और बुजुर्ग शामिल हैं। लेकिन केंद्र के बाहर चिपकाए गए ‘काम बंद’ के नोटिस और अंदर सन्नाटे को देखकर सभी को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी पवन सिंह ने बताया,
“कर्मचारियों से पूछने पर सिर्फ इतना ही जवाब मिलता है कि कंप्यूटर खराब है। कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है कि सिस्टम कब तक ठीक होगा।”
पूर्णिया से आए मोहम्मद मुमताज ने कहा,
“मैंने तीन बार ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिया, हर बार लंबी यात्रा कर किशनगंज पहुंचा, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी। अब एक नौकरी के मौके से भी हाथ धोना पड़ सकता है।”
दिघलबैंक के निवासी आसिफ अंजुम ने ऑनलाइन प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा,
“पोर्टल पर सब कुछ सामान्य दिखता है, अपॉइंटमेंट बुक भी हो जाता है, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा। यह लोगों के साथ धोखा है।”

महिलाओं और बुजुर्गों को हो रही अधिक परेशानी
केंद्र पर पहुंचने वाले आवेदकों में बड़ी संख्या महिलाओं और बुजुर्गों की भी है, जिन्हें लंबी यात्रा और भीड़भाड़ में अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बहादुरगंज से पहुंचे मौलाना मोहम्मद और अकबर हुसैन सहित कई लोगों ने जिला प्रशासन से इस समस्या का त्वरित समाधान निकालने की मांग की है।
एक बुजुर्ग महिला आवेदक ने कहा,
“इतनी दूर से आना-जाना और फिर खाली हाथ लौटना बहुत तकलीफदेह है। यात्रा खर्च, थकावट और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। सरकार को यह सोचना चाहिए कि हम जैसे लोगों की परेशानियां कितनी बढ़ रही हैं।”

स्थानीय प्रशासन भी बेबस, मुख्यालय से इंतजार में समाधान
केंद्र पर कार्यरत अधिकारियों से जब इस संबंध में पूछताछ की गई तो उन्होंने बातचीत से इनकार करते हुए कहा कि वे मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। सिर्फ एक साधारण नोटिस कार्यालय के बाहर चिपकाया गया है जिसमें लिखा है कि “तकनीकी कारणों से कार्य बंद है।”
जब इस मामले पर किशनगंज के जिलाधिकारी श्री विशाल राज से बात की गई तो उन्होंने कहा,
“हमें इस तकनीकी समस्या की सूचना मिल चुकी है। इस संबंध में रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है। समाधान वहीं से होना है, हम नियमित रूप से फॉलोअप कर रहे हैं। उम्मीद है जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।”
स्थानीयों में गहरा असंतोष, समाधान की मांग
लोगों का कहना है कि इस केंद्र की स्थापना से जिले के हजारों लोगों को पासपोर्ट सेवाएं पास में ही उपलब्ध होने की सुविधा मिली थी, लेकिन अब यही केंद्र आम जनता के लिए एक नई समस्या बन गया है। यदि यह तकनीकी खामी शीघ्र दूर नहीं की गई, तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी जा रही है।
निष्कर्ष:
किशनगंज पासपोर्ट सेवा केंद्र की यह स्थिति दर्शाती है कि तकनीकी संसाधनों की निर्भरता किस प्रकार से आम जनता की जरूरतों को प्रभावित कर सकती है, खासकर जब समुचित बैकअप और जवाबदेही तंत्र नहीं हो। अब देखना होगा कि संबंधित विभाग और प्रशासन कितनी शीघ्रता से इस समस्या का समाधान कर पाते हैं।
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