जिले भर में आज विजयादशमी का पावन पर्व पूरे उत्साह, उल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। नगर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित दुर्गा पूजा पंडालों और मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। मां दुर्गा की विधिवत पूजा-अर्चना, हवन और आरती के बीच भक्तों ने देवी से अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।

सुबह से शुरू हुआ धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम
विजयादशमी के शुभ अवसर पर किशनगंज के पौआखाली, खानाबाड़ी, सरायकुड़ी, रसिया, खारूदाह, कुम्हीया जैसे प्रमुख पूजा स्थलों पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे। पौआखाली सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में अहले सुबह नवरात्र उपवास करने वाले भक्तों ने हवन और विशेष आरती में भाग लिया। यहां भक्तिभाव से परिपूर्ण वातावरण में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न हुई।

सिंदूर खेल और सुहाग की कामना
दशहरे के अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने “सिंदूर खेला” की परंपरा निभाई। पहले मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित किया गया, फिर महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अपने वैवाहिक जीवन की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना की। इसके पश्चात नारियल लड्डू से मुंह मीठा कर पर्व का पारंपरिक आनंद लिया गया।

माता को अर्पित हुआ खिचड़ी भोग
पूजा-अर्चना के पश्चात मां भगवती को खिचड़ी प्रसाद का भोग लगाया गया। मंदिर कमिटी द्वारा इसे श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया। भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर मां दुर्गा के आशीर्वाद को प्राप्त किया।

महानवमी की रात उमड़ी भारी भीड़
इससे पहले, बीते दिन महानवमी के अवसर पर पौआखाली दुर्गा पूजा पंडाल में रात्रि देर तक भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती रही। माता के दर्शन के लिए पुरुष, महिलाएं और बच्चे उत्साहपूर्वक जुटे। पूजा पंडाल रंग-बिरंगी रोशनी, सजावट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जीवंत नजर आ रहा था।
चाक-चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था
पूरे दुर्गा पूजा और दशहरा उत्सव के दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था बेहद सुदृढ़ रखी गई थी। पौआखाली पंडाल सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर एसडीपीओ मंगलेश कुमार सिंह, सर्किल इंस्पेक्टर पंकज कुमार पंत और थानाध्यक्ष अंकित सिंह ने विधि व्यवस्था का निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त सब इंस्पेक्टर अंगद प्रसाद और सरोज कुमार समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
हर पंडाल और मंदिर के आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। पूरे जिले में शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से विजयादशमी का पर्व संपन्न हुआ।
निष्कर्ष:
किशनगंज में मनाया गया यह विजयादशमी पर्व न केवल धार्मिक श्रद्धा और परंपरा का प्रतीक रहा, बल्कि सामूहिक उत्सव, महिला सहभागिता और प्रशासनिक सजगता का भी उत्कृष्ट उदाहरण बना। जिले भर में दशहरा का उत्सव आस्था, उल्लास और सामाजिक सौहार्द के रंग में पूरी तरह रंगा नजर आया।
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