किशनगंज (ठाकुरगंज): किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र स्थित गलगलिया रेलवे स्टेशन पर चल रहे सौंदर्यीकरण कार्य में गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। करोड़ों रुपए की लागत से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग और प्रशासनिक निगरानी के अभाव को लेकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों ने भी सवाल उठाए हैं।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि निर्माण स्थल पर कोई भी सरकारी अधिकारी या तकनीकी विशेषज्ञ नियमित रूप से मौजूद नहीं रहता। इसके चलते संवेदक (ठेकेदार) द्वारा निर्माण कार्य में बेहद निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। इससे न केवल कार्य की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि यह संदेह भी उत्पन्न हो रहा है कि कहीं यह सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला तो नहीं है।

पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने उठाई आवाज
इस मामले में पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें स्थानीय लोगों से कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता जताई गई है। उन्होंने कहा,
“हम सभी नागरिक टैक्स का भुगतान करते हैं और उसी पैसे से इस तरह की विकास परियोजनाएं चलाई जाती हैं। यदि ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों में भ्रष्टाचार होता है या गुणवत्ता के साथ समझौता किया जाता है, तो यह जनता के विश्वास के साथ धोखा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और निर्माण कार्य की निगरानी के लिए साइट पर प्रशासनिक कर्मियों की नियमित तैनाती सुनिश्चित करनी चाहिए। इससे कार्य में पारदर्शिता बनी रहेगी और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।

गहन जांच और सख्त कार्रवाई की मांग
पूर्व विधायक ने इस संपूर्ण प्रकरण की गहन और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में किसी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार सामने आता है, तो संबंधित अधिकारियों और संवेदकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाहियों को रोका जा सके।

जनता में नाराजगी, पारदर्शिता की मांग
स्थानीय नागरिकों में इस लापरवाही को लेकर भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण से क्षेत्र की छवि में सुधार होना चाहिए, लेकिन यदि कार्य में भ्रष्टाचार और लापरवाही होगी तो यह विकास के बजाय विनाश का कारण बन जाएगा। लोगों ने भी सरकार से इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की है।
निष्कर्ष
गलगलिया रेलवे स्टेशन पर चल रहा सौंदर्यीकरण कार्य एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सौंदर्यपूर्ण वातावरण प्रदान करना है। लेकिन यदि इसमें गुणवत्ता से समझौता होता है, तो यह केवल सरकारी धन की बर्बादी नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों के साथ विश्वासघात भी होगा। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में कितनी तत्परता दिखाती है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।
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