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अंबेडकर कॉलोनी में 1500 परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित

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कटिहार: जिले की अंबेडकर कॉलोनी में रहने वाले करीब 1500 परिवार आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर जहां एक ओर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने कॉलोनी की जर्जर हालत और सुविधाओं के अभाव को लेकर मरम्मत की मांग की।

अंबेडकर कॉलोनी में 1500 परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित
अंबेडकर कॉलोनी में 1500 परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित

2000 में बनी कॉलोनी, 23 साल से उपेक्षित

इस कॉलोनी का निर्माण वर्ष 2000 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी द्वारा ‘गंदी बस्ती विकास योजना’ के तहत कराया गया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब और हाशिए पर जीवन बिता रहे लोगों को सम्मानजनक जीवन देने के लिए आवास और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना था। लेकिन 23 वर्षों के बाद भी इस कॉलोनी की मरम्मत नहीं हुई है।

अंबेडकर कॉलोनी में 1500 परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित
अंबेडकर कॉलोनी में 1500 परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित

जर्जर छतें और गिरने का खतरा

स्थानीय निवासी काजल देवी, संगीता देवी, मौष्णी देवी और सुनीता देवी ने बताया कि कॉलोनी की छतें अब इतनी कमजोर हो चुकी हैं कि बारिश और तूफान में उनके गिरने का डर बना रहता है। कई बार छत से प्लास्टर या ईंटें गिर चुकी हैं, जिससे हादसे का डर हमेशा बना रहता है। महिलाएं कहती हैं कि उनकी पूरी जिंदगी इसी कॉलोनी में बीती है, लेकिन कभी किसी सरकार ने उनकी सुध नहीं ली।

अंबेडकर कॉलोनी में 1500 परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित
अंबेडकर कॉलोनी में 1500 परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित

बुनियादी सुविधाओं का अभाव

कॉलोनी में न तो पक्की सड़कें हैं और न ही नालियों की समुचित व्यवस्था है। बारिश के समय गलियों में पानी भर जाता है और गंदगी से महामारी फैलने का खतरा रहता है। शौचालयों की हालत इतनी खराब है कि उनका उपयोग करना मुश्किल हो गया है। साफ-सफाई की व्यवस्था ना होने के कारण कॉलोनी में बच्चों और बुजुर्गों के बीमार पड़ने की घटनाएं आम हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता ने जताई चिंता

सामाजिक कार्यकर्ता अमरेंद्र बागी ने कॉलोनी की हालत को “नरक समान” बताते हुए कहा कि, “यहां वही लोग रहते हैं जो पूरे शहर की सफाई करते हैं, लेकिन उनके अपने घरों की स्थिति दयनीय है। यह सरासर अन्याय है।”

उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि अंबेडकर कॉलोनी की मरम्मत और विकास को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को चाहिए कि वह यहां रहने वाले लोगों को भी सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार दिलाए, जैसा कि बाबा साहेब अंबेडकर का सपना था।


निष्कर्ष:
कटिहार की अंबेडकर कॉलोनी आज भी विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर है। बुनियादी सुविधाओं का अभाव, जर्जर मकान और प्रशासनिक उपेक्षा ने यहां के निवासियों का जीवन कठिन बना दिया है। अंबेडकर जयंती के मौके पर उठी यह आवाज़ क्या अब सरकार तक पहुंचेगी? यह देखना बाकी है।

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