बिहार के अररिया जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक 22 वर्षीय ट्यूशन टीचर की नदी में डूबने से मौत हो गई। मृतक की पहचान अमित कुमार देव, पिता सुनील कुमार देव, निवासी ठाकुरवाड़ी, वार्ड संख्या 23, अररिया के रूप में हुई है। वह सोमवार दोपहर घर से ट्यूशन पढ़ाने निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। मंगलवार को उनका शव प्रमाण नदी के चचरी पुल के पास मिला।

ट्यूशन पढ़ाने निकले, फिर नहीं लौटे
परिवारवालों ने बताया कि अमित दोपहर को रोज़ की तरह घर से ट्यूशन पढ़ाने निकले थे। लेकिन रात तक जब वह नहीं लौटे तो परिजन चिंतित हो गए और उनकी तलाश शुरू की गई। अगले दिन मंगलवार की दोपहर स्थानीय लोगों ने चचरी पुल के पास नदी में एक शव देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
नगर थाना अध्यक्ष मनीष कुमार रजक के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।

मानसिक स्थिति कुछ समय से ठीक नहीं थी
मृतक के चाचा प्रमोद देव ने पुलिस को बताया कि अमित पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से अस्वस्थ था। हालांकि, वह बीए की पढ़ाई पूरी कर चुका था और अपने क्षेत्र के बच्चों को घर-घर जाकर ट्यूशन पढ़ाता था। परिवार का कहना है कि उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।

चचरी पुल की जर्जर हालत बनी हादसे की वजह
परिजनों का मानना है कि हादसा चचरी पुल पार करने के दौरान हुआ। संभवतः पैर फिसलने के कारण अमित नदी में गिर गया और डूबने से उसकी मौत हो गई। इस घटना ने चचरी पुल की खस्ताहाल स्थिति और सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल काफी समय से जर्जर स्थिति में है, लेकिन अब तक उसकी मरम्मत नहीं कराई गई। ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों में आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते पुल की मरम्मत कराई गई होती, तो शायद अमित की जान बचाई जा सकती थी। अब प्रशासन से यह मांग की जा रही है कि पुल की मरम्मत तत्काल कराई जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
पुलिस जांच जारी
फिलहाल पुलिस परिजनों के बयान के आधार पर मामले की जांच कर रही है। हालांकि प्रारंभिक तौर पर इसे एक दुर्घटनावश डूबने का मामला माना जा रहा है, लेकिन पुलिस हर एंगल से पड़ताल कर रही है।
निष्कर्ष:
अमित कुमार देव की असामयिक मृत्यु ने जहां एक परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया, वहीं एक बार फिर यह दिखाया कि बुनियादी संरचनाओं की अनदेखी आम जनजीवन के लिए कितनी घातक हो सकती है। चचरी पुल जैसे जरूरी संसाधनों की मरम्मत में हो रही देरी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। अब देखना है कि प्रशासन इस घटना से सबक लेता है या फिर इसे भी एक और आंकड़ा मानकर भुला दिया जाएगा।
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