किशनगंज जिले के कुख्यात खगड़ा रेड लाइट एरिया में बुधवार की शाम एक बड़ी और सुनियोजित छापेमारी अभियान के तहत देह व्यापार के रैकेट का भंडाफोड़ किया गया। यह संयुक्त कार्रवाई किशनगंज पुलिस और पटना की एक सामाजिक संस्था (NGO) के सहयोग से अंजाम दी गई।
इस अभियान में पुलिस ने दो नाबालिग लड़कियों समेत कुल 14 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें 8 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं। यह छापेमारी न केवल अवैध गतिविधियों को उजागर करने वाली थी, बल्कि मानव तस्करी की एक भयावह सच्चाई को भी सामने लाने वाली थी।

नाबालिग की हिम्मत ने बदल दी कहानी
इस पूरे ऑपरेशन की नींव एक नाबालिग पीड़िता की बहादुरी ने रखी। दरभंगा निवासी यह किशोरी, कुछ दिन पहले दरभंगा रेलवे स्टेशन से अगवा कर ली गई थी। आरोप है कि एक युवक ने पहले उसे नशा देकर बेहोश किया, फिर रात के अंधेरे में वाहन के जरिए उसे किशनगंज ले आया।
किशोरी को दो दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर छुपाकर रखा गया, और फिर सौदेबाज़ी के बाद उसे खगड़ा रेड लाइट एरिया में बेचा गया। लेकिन यहां पहुंचने के बाद उसने साहस दिखाते हुए मौके पर आए एक व्यक्ति से मोबाइल फोन मांगा और मौका पाते ही पुलिस को घटना की जानकारी दी।

पुलिस और NGO की संयुक्त कार्रवाई
पीड़िता द्वारा दी गई सूचना पर तुरंत किशनगंज एसपी के निर्देश पर एक्शन लिया गया। सदर थाना, बहादुरगंज, पहाड़कट्टा सहित कई थानों की पुलिस टीम, महिला पुलिसकर्मी और NGO से जुड़ी महिला कार्यकर्ता सादे लिबास में मौके पर पहुंचीं।
जैसे ही पुलिस टीम ने रेड लाइट एरिया में दबिश दी, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। कई लोग मौके से भाग निकले, लेकिन पुलिस ने एक दर्जन से अधिक घरों की सघन तलाशी ली और संदिग्धों को हिरासत में लिया।
मानव तस्करी और जबरन देह व्यापार की पुष्टि
प्रारंभिक पूछताछ में यह सामने आया है कि नाबालिग पीड़िता को जबरन देह व्यापार के लिए मजबूर किया जा रहा था। पुलिस को संदेह है कि यह सिर्फ एक मामला नहीं, बल्कि इसके पीछे मानव तस्करी का संगठित गिरोह काम कर रहा है, जो कमजोर, नाबालिग और निर्धन परिवारों की बच्चियों को निशाना बनाता है।
आगे की कार्रवाई और जांच जारी
फिलहाल पुलिस ने सभी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। रेड लाइट एरिया में सक्रिय दलालों, संचालकों और खरीददारों की सूची तैयार की जा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क को तोड़ा जा सके। साथ ही, नाबालिग पीड़िताओं को सुरक्षित आश्रय गृह में भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
निष्कर्ष:
यह कार्रवाई केवल एक नाबालिग की सूझबूझ से संभव हो पाई। उसकी बहादुरी ने न सिर्फ खुद को बचाया, बल्कि कई और लड़कियों को एक अंधेरे भविष्य से बचाने की राह भी खोली है। किशनगंज पुलिस की तत्परता और NGO के सहयोग से यह उम्मीद बंधी है कि ऐसे रैकेट को जड़ से खत्म किया जा सकेगा।
पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और पूरे गिरोह का भंडाफोड़ कर पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा।
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