किशनगंज में ईंट भट्ठों की दरों को लेकर चल रही खींचतान एक बार फिर तेज़ हो गई है। अब इस मुद्दे पर एआईएमआईएम (AIMIM) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और अमौर से विधायक अख्तरुल इमान की सक्रियता ने मामले को एक नया मोड़ दे दिया है। उन्होंने खुले तौर पर ईंट की मौजूदा कीमतों पर सवाल खड़े किए हैं और प्रशासन से सख्त हस्तक्षेप की मांग की है।
किशनगंज में ईंट भट्ठों को लेकर फिर गरमाई सियासत
“पटना से महंगी क्यों है किशनगंज की ईंट?” – अख्तरुल इमान का सवाल
अख्तरुल इमान ने कहा कि किशनगंज जैसे सीमावर्ती जिले में ईंट की कीमत राजधानी पटना से कहीं अधिक है, जो पूरी तरह से अनुचित और आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने वाला है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सीमांचल जैसे पिछड़े इलाके में निर्माण सामग्रियों की अधिक कीमतें विकास में बड़ी बाधा हैं।
“जब राज्य की राजधानी में ईंट सस्ती है, तो सीमांचल के ज़िलों में यह महंगी क्यों बिक रही है? यह गरीब जनता के साथ अन्याय है,” — अख्तरुल इमान।
किशनगंज में ईंट भट्ठों को लेकर फिर गरमाई सियासत
तौसीफ आलम की मांग को मिला समर्थन
पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने भी ईंट की दरों को लेकर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की थी, जिसे अब अख्तरुल इमान का भी समर्थन मिल गया है। उन्होंने कहा कि यह मांग पूरी तरह जायज़ है और स्थानीय प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
कोयले की कीमतों पर भी जताई चिंता
अख्तरुल इमान ने ईंट भट्ठा मालिकों की समस्याओं की तरफ भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि अगर भट्ठा संचालकों को कोयला ऊँची दरों पर मिलेगा, तो वे ईंट सस्ते में कैसे बेच पाएंगे? उन्होंने कोयले की दरों में कटौती की मांग करते हुए कहा कि निर्माण सामग्री के मूल स्रोत सस्ते होंगे, तभी बाजार में संतुलन लाया जा सकता है।
“ईंट की ऊंची कीमत की जड़ में कोयले की महंगी दरें हैं। जब तक इसकी कीमत नहीं घटाई जाएगी, तब तक आम उपभोक्ताओं को राहत मिलना मुश्किल है,” — अख्तरुल इमान।
प्रशासन से ‘संतुलित नीति’ की मांग
अख्तरुल इमान ने प्रशासन से अपील की कि वह इस विवाद का समाधान एक संतुलित नीति के ज़रिए निकाले। उन्होंने कहा कि न तो उपभोक्ताओं को अनदेखा किया जा सकता है और न ही भट्ठा संचालकों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जाना चाहिए। सरकार को चाहिए कि दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए बीच का रास्ता निकाले।
JEB न्यूज़ पर हम इस मुद्दे से जुड़ी हर अहम जानकारी और प्रशासन की प्रतिक्रिया पर नज़र बनाए हुए हैं। ईंट भट्ठों से लेकर आम जनता तक, सबकी चिंता का हल कैसे निकलेगा — जानने के लिए जुड़े रहें हमारे साथ।