कनकई नदी के तट पर कटाव रोकने के काम में हो रही देरी को लेकर अमौर से AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान ने गहरी नाराज़गी जताई। उन्होंने कटाव प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुए संबंधित अधिकारियों को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दे डाला।

“सिस्टम के खिलाफ लड़ाई लड़नी पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे,” विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा।
ज्ञानडोव पंचायत के सीमलवारी, नगराटोला, रंगरैया लाल टोली, भाग ताहिर और अन्य गांवों में निरीक्षण के दौरान वे बेहद आक्रोशित नजर आए। उनके साथ जल संसाधन विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अनूप विजय, एसडीओ पूजा कुमार और जेई एम. एन. रहमान भी मौजूद थे।

विधायक ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा,
“हर साल अमौर में कटाव से जान-माल की भारी क्षति होती है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से समय रहते कदम नहीं उठाए जाते।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर कार्य शुरू नहीं हुआ, तो जनता को साथ लेकर सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
विधायक ने सीमलवारी नगराटोला का ज़िक्र करते हुए बताया कि यहाँ करीब 40 पक्के मकान थे, जिनमें 200 से अधिक लोग रहते थे। कनकई नदी की धारा बदलने से यह इलाका कटाव की चपेट में आ गया है।
“दास नदी का बहाव यदि तेज हुआ और कनकई इसमें मिल गई, तो तीन पंचायतों की 30-40 हजार की आबादी खतरे में आ जाएगी। स्कूल, मदरसे और सरकारी संस्थान सब तबाह हो जाएंगे,” ईमान ने आगाह किया।
उन्होंने यह भी कहा कि करोड़ों की लागत से बन रहा खाड़ी पुल भी यदि कटाव के चलते बह गया तो उसकी ज़िम्मेदारी संबंधित विभागों की होगी।
“अब और इंतज़ार नहीं करेंगे। कटाव रोकने के लिए ठोस कदम न उठाए गए तो जन आंदोलन होगा,” विधायक ने अंत में कहा।
निष्कर्ष:
कटाव जैसे गंभीर मुद्दे पर हो रही लापरवाही के खिलाफ AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान का यह रुख प्रशासन के लिए चेतावनी है। अब देखना यह है कि अधिकारी कार्रवाई करते हैं या एक और तबाही का इंतजार करेंगे।
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