किशनगंज: भूजल स्तर में गिरावट और जल संकट की गंभीरता को देखते हुए किशनगंज नगर परिषद ने एक दूरदर्शी और प्रभावी निर्णय लिया है। नगर परिषद क्षेत्र के 1000 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल वाले सभी पुराने छतदार निजी भवनों में अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
यह निर्णय हाल ही में हुई नगर परिषद की बोर्ड बैठक में लिया गया, जिसका उद्देश्य जल संसाधनों का संरक्षण और भविष्य में जल संकट की स्थिति से निपटना है।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग अब सभी पुराने मकानों के लिए अनिवार्य
अब तक यह प्रणाली केवल नए भवनों के लिए ही अनिवार्य थी, लेकिन अब पुराने मकानों को भी इसके दायरे में लाया गया है। नगर परिषद ने स्पष्ट किया है कि 1000 स्क्वायर फीट से अधिक क्षेत्र वाले पुराने भवनों के मालिकों को यह सिस्टम अनिवार्य रूप से लगवाना होगा।

प्रोत्साहन योजना: टैक्स में छूट
इस नई नीति के तहत जो भवन मालिक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को स्वेच्छा से अपनाएंगे, उन्हें होल्डिंग टैक्स में 5 प्रतिशत की वार्षिक छूट दी जाएगी। यह कदम लोगों को इस दिशा में प्रोत्साहित करने की एक आर्थिक पहल है।

1 सितंबर से शुरू होगा जागरूकता अभियान
नगर परिषद 1 सितंबर से एक विशेष जन-जागरूकता अभियान भी शुरू करने जा रही है। इस अभियान के माध्यम से पुराने भवन मालिकों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लाभों, कार्यप्रणाली और इसे लागू करने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी।
क्या बोले अधिकारी?
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया,
“जल संरक्षण आज की सबसे बड़ी जरूरत है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग से न केवल वर्षा जल को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि इससे जल जमाव की समस्या भी काफी हद तक कम की जा सकती है। इस नीति से किशनगंज शहर में भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद मिलेगी।”
भविष्य की तैयारी और पर्यावरण संरक्षण
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सभी शहर और कस्बे इस तरह की नीतियों को लागू करें, तो न सिर्फ जल संकट को रोका जा सकता है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा। किशनगंज का यह निर्णय अन्य शहरी निकायों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकता है।
चुनौती और सहयोग की जरूरत
हालांकि इस निर्णय को लागू करने में तकनीकी और वित्तीय चुनौतियाँ हो सकती हैं, लेकिन नगर परिषद की ओर से मिलने वाली टैक्स छूट और जागरूकता अभियान से उम्मीद है कि लोग इस पहल को अपनाने के लिए आगे आएंगे।
निष्कर्ष:
किशनगंज नगर परिषद द्वारा लिया गया यह निर्णय जल संरक्षण की दिशा में एक ठोस कदम है। आने वाले समय में यह पहल न सिर्फ शहर को जल संकट से उबारने में सहायक होगी, बल्कि यह नागरिकों को भी जल प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करेगी।
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