सुपौल— विपक्ष की “वोटर अधिकार यात्रा” एक बार फिर विवादों में घिर गई है। सुपौल में मंगलवार को आयोजित इस यात्रा में शामिल महागठबंधन के कार्यकर्ताओं पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के अपमान का गंभीर आरोप लगा है। वायरल हो रहे एक वीडियो में दिखाया गया है कि यात्रा के बाद कुछ लोगों ने तिरंगे को सड़क पर फेंक दिया और उस पर पैर रख दिए। इस घटना से न केवल राजनीतिक हलचल मच गई है, बल्कि आम जनता में भी भारी रोष देखा जा रहा है।

महागठबंधन की रैली में शामिल हुए कई बड़े नेता
इस यात्रा की अगुवाई बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने की, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुखिया मुकेश सहनी सहित महागठबंधन के कई दिग्गज नेता शामिल थे। यात्रा सुपौल के हुसैन चौक से शुरू होकर महावीर चौक, अंबेडकर चौक, लोहिया चौक और गौरवगढ़ चौक होते हुए डिग्री कॉलेज चौक तक पहुंची। इसके बाद यात्रा सुपौल के मझारी तक भी गई।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और तेजस्वी यादव ने जगह-जगह रुककर लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। हजारों की संख्या में लोग इस यात्रा में शामिल हुए और पूरे शहर में राजनीतिक उत्साह का माहौल देखा गया।

तिरंगे के अपमान का वीडियो वायरल
हालांकि इस जनसंपर्क अभियान के बाद जो दृश्य सामने आया, उसने महागठबंधन की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में यह देखा गया कि कुछ कार्यकर्ता राष्ट्रीय ध्वज को लापरवाही से सड़क पर फेंकते नजर आए और कई लोगों के पैर उस पर पड़ते दिखे।
वीडियो के सामने आने के बाद आम जनता और राजनीतिक गलियारों में आक्रोश फैल गया है। कई लोगों ने इसे “राष्ट्र का अपमान” बताते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू का तीखा हमला
बिहार सरकार में पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
“तिरंगा केवल एक झंडा नहीं, देश की अस्मिता और आत्मा है। उसे इस तरह फेंक देना और पैरों तले रौंदना सीधे-सीधे देशद्रोह है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को जवाब देना चाहिए कि ऐसी घटनाओं से वे देश को क्या संदेश देना चाहते हैं।”
मंत्री ने आगे मांग की कि तिरंगे के अपमान के इस मामले में दोषियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से तत्काल जांच कर कार्रवाई करने की अपील की।

कांग्रेस और राजद की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं
इस गंभीर आरोप के बावजूद महागठबंधन के किसी प्रमुख नेता या आयोजकों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। न ही वीडियो की सत्यता को लेकर कोई सफाई दी गई है। यदि वीडियो सही पाया गया, तो इससे विपक्ष को भारी राजनीतिक नुकसान हो सकता है, विशेषकर आगामी चुनावों से पहले जब देशभक्ति और राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है।
निष्कर्ष:
वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य भले ही मतदाताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था, लेकिन तिरंगे के अपमान की यह घटना यात्रा के मूल उद्देश्य को ही विवादित कर रही है। अब सभी की नजरें प्रशासनिक कार्रवाई और विपक्ष की संभावित प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं। यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह घटना सिर्फ एक चूक थी या राजनीतिक लापरवाही का उदाहरण।
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