किशनगंज (बिहार) – आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भयमुक्त तरीके से संपन्न कराने के उद्देश्य से किशनगंज जिला प्रशासन ने सुरक्षा तैयारियों को लेकर व्यापक रणनीति अपनाई है। नेपाल सीमा से सटे इस संवेदनशील जिले में सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में फ्लैग मार्च और नियमित गश्त की जा रही है, जिससे मतदाताओं में विश्वास कायम रहे और किसी भी तरह की अवांछित गतिविधि को रोका जा सके।

DIG ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की
शुक्रवार को पूर्णिया प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) प्रमोद कुमार मंडल ने किशनगंज का दौरा किया और चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। एसपी कार्यालय पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने जिला पुलिस कप्तान सागर कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, मतदान केंद्रों पर बलों की तैनाती, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी और संभावित खतरे से निपटने की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई।
DIG प्रमोद मंडल ने बताया कि किशनगंज जिले में अब तक 8 कंपनियां सुरक्षा बलों की तैनात की जा चुकी हैं, और चुनाव प्रक्रिया के दौरान कुल 40 कंपनियों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि, “सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि हर मतदाता स्वतंत्र और सुरक्षित माहौल में मतदान कर सके।”

नेपाल सीमा बनी चुनौती, नावों से हो रही निगरानी
किशनगंज की भौगोलिक स्थिति इसे सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील बनाती है। यह जिला नेपाल की सीमा से लगा हुआ है, जिससे यहां सीमा पार गतिविधियों की संभावना बनी रहती है। DIG मंडल ने बताया कि खासकर नदी और नालों से सटे इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इन क्षेत्रों में नावों के जरिए गश्त की जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से पहले ही सतर्कता बरती जा सके।
किशनगंज जिले में बहादुरगंज, कोचाधामन, ठाकुरगंज और किशनगंज विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जहां चुनावी गहमागहमी के साथ ही सुरक्षा संबंधी तैयारियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

31 संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा का ऑडिट
हाल ही में हुए सुरक्षा ऑडिट के तहत जिला प्रशासन ने 31 संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच की है। इसमें तैनात सुरक्षाकर्मियों के दस्तावेज़, प्रशिक्षण और निगरानी क्षमताओं की समीक्षा की गई है। प्रशासन इस बात को सुनिश्चित करने में लगा है कि सभी सुरक्षाकर्मी प्रशिक्षित हों और उनका पृष्ठभूमि सत्यापन पूरी तरह से पारदर्शी हो।

जनता में विश्वास बढ़ाने की कोशिश
प्रशासन द्वारा लगातार किए जा रहे फ्लैग मार्च और संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता में चुनाव को लेकर विश्वास और सकारात्मक माहौल तैयार किया जा रहा है। DIG मंडल ने बताया कि, “लोगों में भय का माहौल खत्म करना हमारी प्राथमिकता है। सुरक्षा बलों की सक्रियता से लोगों को यह भरोसा दिलाया जा रहा है कि वे निडर होकर मतदान करें।”

कड़ी निगरानी, सख्त कार्रवाई के निर्देश
सीमा इलाकों में खास निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस को कहा गया है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जांच की जाए और आवश्यकता पड़ने पर कठोर कार्रवाई की जाए। अवैध हथियारों, नकदी, शराब या मतदाताओं को प्रभावित करने वाले किसी भी तत्व को तुरंत चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश हैं।
निष्कर्ष:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में किशनगंज प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क है। DIG स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक लगातार निगरानी और समीक्षा का दौर जारी है। नेपाल सीमा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जो रणनीति अपनाई गई है, वह न केवल क्षेत्रीय शांति को बनाए रखने में मददगार होगी, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता की भागीदारी को भी सुनिश्चित करेगी।
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