अररिया: जिले के पटेगना गांव में एक दर्दनाक हादसे में 30 वर्षीय महिला की करंट लगने से मौत हो गई। मृतका की पहचान चंपा देवी के रूप में हुई है, जो शनिवार देर रात अपने कमरे में पंखा चालू करने के दौरान करंट की चपेट में आ गईं। गंभीर अवस्था में उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान रविवार को उनकी मौत हो गई।

हादसा कैसे हुआ?
परिजनों ने बताया कि रात के भोजन के बाद चंपा देवी अपने कमरे में पंखा चलाने गई थीं। जैसे ही उन्होंने स्विच ऑन किया, उन्हें जोरदार करंट लगा और वे मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़ीं। घटना के समय उनका 12 वर्षीय बेटा कमरे में ही मौजूद था। मां को तड़पते देख वह घबरा गया और उन पर ठंडा पानी डाला। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे और तुरंत उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर गए।

इलाज के दौरान तोड़ा दम
डॉक्टरों ने चंपा देवी का इलाज शुरू किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। रविवार की सुबह अस्पताल में ही उनकी मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना से गांव में शोक का माहौल है।
पुराने तार और शॉर्ट सर्किट बना हादसे की वजह
परिवारवालों और स्थानीय लोगों का कहना है कि घर की बिजली व्यवस्था काफी जर्जर है और हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है। पुराने और खुली तारों से अक्सर चिंगारी निकलती रहती थी, जिसकी शिकायत पहले भी की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों का आक्रोश, बिजली सुधार की मांग
पटेगना और आसपास के इलाकों में बिजली की स्थिति वर्षों से खराब बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में लटकते तार, क्षतिग्रस्त पोल और असुरक्षित कनेक्शन आम बात हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से बिजली व्यवस्था में सुधार और सुरक्षा को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में भी होती रहेंगी।
पुलिस कार्रवाई और अगला कदम
अस्पताल प्रबंधन ने मामले की सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दे दी है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और परिवार के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
निष्कर्ष:
चंपा देवी की मौत सिर्फ एक व्यक्तिगत क्षति नहीं, बल्कि एक बड़े सिस्टम फेलियर की तरफ इशारा करती है। यह घटना साफ दर्शाती है कि बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी किस तरह आम लोगों की जान पर बन आती है। जरूरत है कि प्रशासन और बिजली विभाग इस हादसे को चेतावनी मानकर त्वरित और ठोस कार्रवाई करें।
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