किशनगंज जिला परिषद में सोमवार को बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया, जब उपाध्यक्ष मो. अशरफुल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इस प्रस्ताव को लेकर जिला परिषद के कुल 13 सदस्यों ने जिला पदाधिकारी विशाल राज एवं जिला परिषद अध्यक्ष रुकैया बेगम को संयुक्त रूप से आवेदन सौंपा, जिसमें जल्द से जल्द विशेष बैठक बुलाकर अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की गई है।

सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित इस आवेदन में उपाध्यक्ष मो. अशरफुल पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें योजनाओं में धांधली, पारदर्शिता की कमी और पक्षपातपूर्ण रवैये का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। सदस्यों का कहना है कि उपाध्यक्ष के कार्यकाल में जिला परिषद की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई है और विकास योजनाओं में निष्पक्षता नहीं बरती जा रही है।

पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष एवं वर्तमान सदस्य नुदरत महजबी ने इस संदर्भ में कहा, “हमने मो. अशरफुल को पूरी उम्मीद और विश्वास के साथ निर्विरोध उपाध्यक्ष चुना था, लेकिन दुर्भाग्यवश वे उन अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए। यही कारण है कि आज 13 सदस्यों ने एकजुट होकर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है।”

वहीं, अन्य सदस्यों — नासिक नदीर, फैजान अहमद, निरंजन राय, नाजिम अहमद सहित कई ने उपाध्यक्ष पर एकतरफा कार्यशैली अपनाने का आरोप लगाया। सदस्यों ने कहा कि उपाध्यक्ष को सदन की गरिमा और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने केवल एक पक्ष के हित में कार्य किया, जिससे अन्य सदस्यों की अनदेखी हुई और परिषद की कार्यकुशलता प्रभावित हुई।

जिला परिषद अध्यक्ष रुकैया बेगम ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित आवेदन प्राप्त हुआ है। नियमानुसार जो भी आवश्यक प्रक्रिया होगी, वह पूरी की जाएगी।”
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जिला प्रशासन और परिषद अध्यक्ष इस मामले में कितनी शीघ्रता से कार्रवाई करते हैं और क्या उपाध्यक्ष मो. अशरफुल के खिलाफ प्रस्ताव को सदन में समर्थन मिलेगा। यदि प्रस्ताव पास होता है तो जिला परिषद में एक नए नेतृत्व की संभावना बन सकती है।
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