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कटिहार में 1.5 साल से नहीं बना पुल

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कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड के तहसीलदार टोला में पुल निर्माण का कार्य पिछले डेढ़ साल से अधूरा पड़ा हुआ है। इस कारण स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के मौसम में स्थिति और भी विकट हो गई है, क्योंकि निर्माणाधीन पुल और उससे जुड़ी डायवर्जन सड़कों पर गंभीर जलजमाव और गड्ढों ने रास्ता पूरी तरह से जर्जर बना दिया है। लोग जान जोखिम में डालकर रोजाना इस रास्ते से गुजरने को मजबूर हैं।

यह महत्वपूर्ण मार्ग आजमनगर मुख्य बाजार को सिंहपुर और आगे पश्चिम बंगाल से जोड़ता है। लेकिन अब यह रास्ता किसी खतरनाक सफर से कम नहीं रह गया है। डायवर्जन पर बने गहरे गड्ढों में जलजमाव होने से दोपहिया और चारपहिया वाहनों का आना-जाना बेहद मुश्किल हो गया है। स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित हैं।

कटिहार में 1.5 साल से नहीं बना पुल
कटिहार में 1.5 साल से नहीं बना पुल

2017 में बाढ़ से ध्वस्त हुआ था पुराना पुल

स्थानीय लोगों के अनुसार, वर्ष 2017 में आई विनाशकारी बाढ़ के दौरान यह पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। इसके बाद से ही यहां पुल निर्माण की मांग उठती रही, लेकिन कार्य की शुरुआत काफी देर से – मार्च 2024 में – की गई। अब डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद भी पुल का निर्माण अधूरा है, जिससे ग्रामीणों का सब्र जवाब देने लगा है।

कटिहार में 1.5 साल से नहीं बना पुल
कटिहार में 1.5 साल से नहीं बना पुल

संवेदक पर लापरवाही का आरोप

स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने बरसात के मौसम में निर्माण कार्य शुरू किया, जिससे शुरुआत से ही स्थल पर जलजमाव की स्थिति बनी रही और कार्य गति नहीं पकड़ सका।

सोशल एक्टिविस्ट अजहर निजामी ने बताया, “संवेदक ने बिना मौसम की स्थिति का आंकलन किए पुल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप, पूरा कार्य स्थल कीचड़ और पानी से भर गया, जिससे काम अधर में लटक गया। यह जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ है।”

कटिहार में 1.5 साल से नहीं बना पुल
कटिहार में 1.5 साल से नहीं बना पुल

ग्रामीणों ने प्रशासन से की जांच की मांग

इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने कटिहार के जिला पदाधिकारी से अपील की है कि पुल निर्माण की धीमी गति और संवेदक की लापरवाही की जांच की जाए। उनका कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन किया जाएगा।

स्थानीय निवासी आफताब आलम ने कहा, “हर दिन हमें जान जोखिम में डालकर इस रास्ते से गुजरना पड़ता है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, बीमार लोग अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। प्रशासन को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए।”

प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

स्थानीय लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर जिला प्रशासन इस समस्या को लेकर चुप क्यों है। एक महत्वपूर्ण सड़क मार्ग सालों से बाधित है, फिर भी कोई प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?

अब देखना यह है कि प्रशासन और सरकार कब तक इस जनसमस्या की सुध लेते हैं और निर्माणाधीन पुल को कब तक पूरा किया जाता है।

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