पूर्णिया, बिहार – शनिवार को पूर्णिया के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (GMCH) में उस समय तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक मृत घोषित युवक को उसके परिजन जीवित मान बैठे। इसके बाद अस्पताल परिसर में भारी हंगामा हुआ, जिसके चलते डॉक्टरों और स्टाफ को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। हालात काबू से बाहर होने पर पुलिस बल बुलाना पड़ा और सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल होते ही मामला राजनीतिक रंग लेने लगा।

सड़क दुर्घटना से शुरू हुआ घटनाक्रम
यह पूरा मामला के. नगर थाना क्षेत्र के झुन्नी पेट्रोल पंप के पास शनिवार दोपहर एक भीषण सड़क हादसे से शुरू हुआ। दो तेज़ रफ्तार मोटरसाइकिलों की आमने-सामने टक्कर में तीन युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की भयावहता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरे ने अस्पताल लाते समय दम तोड़ दिया।
तीनों युवक अररिया जिले के निवासी थे और एक ही गांव से थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर के समय बाइक की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक थी।

GMCH में मृत घोषित, फिर अफवाह ने मचाया बवाल
घायलों को आनन-फानन में पूर्णिया GMCH लाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इसी दौरान मृतक मो. नाजिम के शव से नाक के पास से खून निकलने लगा। यह दृश्य देख परिजनों को संदेह हुआ कि नाजिम अभी जीवित है और उसकी सांसें चल रही हैं।
यह अफवाह इतनी तेज़ी से फैली कि परिजन शोर मचाते हुए शव लेकर इमरजेंसी वार्ड की ओर दौड़ पड़े और अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।

डॉक्टरों पर हमला, अस्पताल में अफरा-तफरी
गुस्साए परिजनों और स्थानीय लोगों की भीड़ ने डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों को घेर लिया। भीड़ ने एक डॉक्टर को खदेड़कर पकड़ लिया और उनके साथ हाथापाई तथा मारपीट की कोशिश की। भीड़ की आक्रामकता को देखते हुए डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ किसी तरह जान बचाकर इमरजेंसी वार्ड से बाहर निकले।
हालात बिगड़ते देख GMCH प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी। हंगामे की सूचना पर छह थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। घंटों समझाने-बुझाने के बाद मामला किसी तरह शांत हुआ।

डॉक्टरों की दोबारा जांच: मृत घोषित
भीड़ के आरोपों के बाद इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टरों ने मो. नाजिम की दोबारा जांच की, जिसमें फिर से उसे मृत ही घोषित किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, पोस्टमार्टम के दौरान शव से खून निकलना स्वाभाविक प्रक्रिया हो सकती है और इसका यह अर्थ नहीं कि मृतक जीवित है।
राजनीतिक बवाल: RJD ने सरकार को घेरा
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें परिजन शव लेकर इमरजेंसी वार्ड में हंगामा करते दिख रहे हैं। राजद (RJD) ने इस वीडियो को अपने आधिकारिक फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर साझा करते हुए नीतीश सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला।
राजद ने लिखा:
“GMCH पूर्णिया में जिंदा मरीज को मृत बता कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। निकम्मी और भ्रष्ट भाजपा-नीतीश सरकार में बिहार की ‘अमंगल’ स्वास्थ्य व्यवस्था में हर रोज आमजन की भारी दुर्गति हो रही है।”
सोशल मीडिया पर आम जनता भी गुस्से में नजर आई। मनीष नायक नामक एक यूजर ने लिखा:
“पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। पोस्टमार्टम रूम में हुआ खेला। सरकारी अस्पताल जिंदा को मार रहा है, प्राइवेट भी वही कर रहा है, आदमी जाए तो जाए कहां?”
प्रशासन सतर्क, जांच के आदेश
फिलहाल जिला प्रशासन ने इस पूरी घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। GMCH प्रबंधन से रिपोर्ट मांगी गई है और अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी पुनर्विचार किया जा रहा है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
यह घटना बिहार की सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। चाहे मामला डॉक्टरों की सतर्कता का हो या अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था का, इस तरह की घटनाएं आम लोगों का भरोसा लगातार डगमगा रही हैं।
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