बिहार के बांका जिले के पशुपालन विभाग में हाल ही में नियुक्त हुए कर्मचारी ततहीर राजा उर्फ पाले रहस्यमय तरीके से भागलपुर रेलवे स्टेशन से लापता हो गए हैं। मूल रूप से किशनगंज जिला अंतर्गत पोठिया थाना क्षेत्र के चनामना टोला नजरपुर गांव के निवासी ततहीर 27 अगस्त की शाम 5 बजे डुबरीगढ़ एक्सप्रेस में सवार हुए थे। ट्रेन से उन्हें अपनी ड्यूटी के लिए बांका जाना था।
परिजनों के अनुसार, ततहीर ने 28 अगस्त को तड़के 2:25 बजे भागलपुर स्टेशन पहुंचने की सूचना फोन पर दी थी। लेकिन इसके बाद जब सुबह 7 बजे परिजनों ने दोबारा संपर्क करने की कोशिश की, तो उनका मोबाइल तो रिंग हुआ, मगर किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। सुबह 9 बजे के बाद से उनका मोबाइल पूरी तरह बंद हो गया और तब से अब तक उनकी कोई सूचना नहीं है।

परिवार का दर्द: “एक महीने पहले ही नौकरी लगी थी, अब अता-पता नहीं”
ततहीर के चाचा जाकिर हुसैन ने बताया कि भतीजे को एक महीने पहले ही सरकारी नौकरी मिली थी। परिवार बहुत खुश था, लेकिन अब उसकी गुमशुदगी ने सभी को सदमे में डाल दिया है। उन्होंने बताया कि ततहीर की खोजबीन के लिए उन्होंने किशनगंज, भागलपुर और बांका—तीनों जिलों की पुलिस से संपर्क किया, लेकिन किसी ने अब तक FIR तक दर्ज नहीं की है। पुलिस एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालती रही और पांच दिन बीत जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।
ततहीर के भाई अब्दुल कैयुम ने बताया कि शुरू में उन्होंने खुद से तलाश करने की कोशिश की, इसलिए शिकायत दर्ज कराने में थोड़ी देर हुई। लेकिन जब खुद से कुछ पता नहीं चला, तब पुलिस के पास गए। मगर पुलिस की निष्क्रियता और उदासीनता ने उन्हें निराश किया है।

पुलिस का पल्ला झाड़ना जारी
इस मामले में पुलिस की लचर भूमिका सवालों के घेरे में है। पोठिया थाना पुलिस का कहना है कि ततहीर की आखिरी लोकेशन भागलपुर थी, इसलिए कार्रवाई भागलपुर पुलिस को करनी चाहिए। वहीं, भागलपुर और बांका पुलिस इस मामले को एक-दूसरे के इलाके का बताकर जिम्मेदारी टाल रही हैं।
इस टालमटोल के बीच पीड़ित परिवार न्याय और ततहीर की सुरक्षित वापसी के लिए गुहार लगा रहा है। मां और परिवार के अन्य सदस्य बेहद परेशान हैं। वे बेटे की सलामती के लिए दिन-रात दुआ कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता उन्हें और ज्यादा तोड़ रही है।

पांच दिन बाद भी कोई सुराग नहीं, मामला रहस्य बना
अब तक न तो ततहीर का कोई सुराग मिला है, न ही उनके मोबाइल की लोकेशन को ट्रेस किया गया है। ना ही सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई है, और ना ही कोई संदिग्ध गतिविधि को खंगाला गया है। इससे स्पष्ट है कि मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।

परिजनों की मांग: तत्काल जांच शुरू हो, विशेष टीम बने
परिवार की मांग है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और पुलिस विभाग ततहीर की खोज के लिए विशेष टीम का गठन करे। परिजनों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे उच्च अधिकारियों से मिलकर आंदोलन भी कर सकते हैं।
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