किशनगंज जिले के खगड़ा वार्ड नंबर 32 के कालू चौक मोहल्ले से एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न केवल इलाके में सनसनी फैला दी है बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। एक नवविवाहिता मां की सिर्फ इसलिए बेरहमी से हत्या कर दी गई क्योंकि उसने एक बेटी को जन्म दिया था। मृतका की पहचान रेशमा खातून (उम्र लगभग 22 वर्ष) के रूप में हुई है, जिनकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई।

📌 घटना का विवरण:
रेशमा की बहन रोशनी और जीजा सज्जाद के अनुसार, यह कोई आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है, जिसके पीछे रेशमा के ससुराल वालों की क्रूर मानसिकता जिम्मेदार है। रोशनी का कहना है कि ससुराल पक्ष बेटी के जन्म से बेहद नाराज था और रेशमा पर शारीरिक व मानसिक अत्याचार शुरू हो गए थे।
घटना वाले दिन रेशमा का शव घर के भीतर संदिग्ध अवस्था में मिला। गले पर गहरे निशान थे और सांसें पूरी तरह थम चुकी थीं। यह साफ तौर पर गला घोंटकर की गई हत्या का संकेत था। घटना की खबर जैसे ही मोहल्ले में फैली, लोग स्तब्ध रह गए और मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई।

👶 बेटी के जन्म को माना ‘अभिशाप’
रेशमा की शादी पिछले वर्ष रेहान नामक युवक से हुई थी। शादी के कुछ ही महीने बाद रेशमा ने एक बेटी को जन्म दिया। सात महीने की यह मासूम बच्ची अपने हंसी-खेल से घर में रौनक लाई थी, लेकिन यही रौनक रेशमा के लिए मौत का कारण बन गई।
ससुराल वालों को बेटी का जन्म कतई स्वीकार नहीं था। रोशनी ने बताया, “रेशमा का सपना था कि उसका एक सुखी परिवार हो, लेकिन बेटी पैदा करने की सजा उसे जान गंवाकर चुकानी पड़ी।”
रेशमा के जीजा सज्जाद ने भी भावुक होते हुए कहा, “अब यह मासूम बच्ची अनाथ हो गई है। उसे कौन समझाएगा कि उसकी मां की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी गई क्योंकि वह एक बेटी थी?”

🚨 पुलिस की त्वरित कार्रवाई:
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रेशमा की सास, ननद और ननद के पति को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, रेशमा का पति रेहान और ससुर घटना के बाद से फरार हैं। पुलिस का कहना है कि दोनों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है और जल्द ही उन्हें भी पकड़ लिया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए गहन जांच शुरू कर दी गई है। मृतका के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट के आधार पर हत्या की पुष्टि की जाएगी।
📢 समाज में उठे सवाल:
इस घटना ने समाज के उस घिनौने चेहरे को फिर सामने ला दिया है, जिसमें बेटियों को आज भी अभिशाप माना जाता है। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मानसिकता की कड़ी निंदा की है और मांग की है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई और रेशमा ऐसी क्रूरता का शिकार न हो।
🛑 परिजनों की मांग:
रेशमा की बहन और जीजा ने पुलिस और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस मामले में निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि रेशमा को न्याय दिलाना अब उनका मकसद है और उसकी बेटी के भविष्य को सुरक्षित करना उनकी प्राथमिकता।
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