किशनगंज – जिले की बेटियों के लिए तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल करते हुए किशनगंज के भेड़ियाडांगी में पहला सरकारी महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) आरंभ कर दिया गया है। यह संस्थान बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग, पटना द्वारा संचालित किया जा रहा है। जिले में यह पहला ऐसा संस्थान है जहां केवल बालिकाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी।

आईटीआईकैट 2025 के लिए पंजीकरण शुरू
संस्थान के प्रधानाचार्य सुरेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया कि आईटीआईकैट 2025 के तहत प्रवेश प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है, जिसकी अंतिम तिथि 17 मई 2025 निर्धारित की गई है। इच्छुक छात्राएं संस्थान में आकर या आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।

5 मुख्य ट्रेड में मिलेगा निःशुल्क प्रशिक्षण
संस्थान में वर्तमान में पांच प्रमुख ट्रेडों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है, जो आज के तकनीकी युग में बेहद प्रासंगिक और रोजगारोन्मुखी हैं:
- इलेक्ट्रीशियन
- ICTSM (Information & Communication Technology System Maintenance)
- MCEA (Mechanic Consumer Electronic Appliances)
- मेकैनिकल इलेक्ट्रॉनिक्स
- IOT स्मार्ट हेल्थकेयर (Internet of Things – Smart Healthcare)
इन कोर्सों का उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें व्यावसायिक दक्षता प्रदान करना है ताकि वे तकनीकी क्षेत्र में रोजगार पा सकें या स्वरोजगार शुरू कर सकें।
टाटा टेक्नोलॉजी और सरकार की साझेदारी से 8 विशेष कोर्स भी शुरू
संस्थान की एक और बड़ी विशेषता यह है कि यहां टाटा टेक्नोलॉजी और बिहार सरकार की साझेदारी में 8 उन्नत तकनीकी कोर्स भी शुरू किए गए हैं। ये कोर्स उन छात्राओं के लिए उपलब्ध हैं, जिन्होंने पहले से ITI, पॉलिटेक्निक या इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है या कर रही हैं:
- जूनियर कैंप प्रोग्राम – CNC लेथ
- एडवांस पेंटिंग टेक्नीशियन
- एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग
- जूनियर रोबोट ऑपरेटर (2 प्रकार)
- एडवांस ऑटोमोबाइल जूनियर टेक्नीशियन
- इनोवेशन एंड डिज़ाइन थिंकिंग
- जूनियर प्रोडक्ट डिजाइनर
संस्थान के सह-प्रशिक्षक सुरेन्द्र पासवान और टाटा टेक के स्टाफ सूफियान ने बताया कि ये कोर्स इंडस्ट्री 4.0 की मांग को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं, जिससे छात्राएं आधुनिक तकनीकी कौशल में निपुण हो सकें।
छात्रावास की सुविधा और स्थानीय समर्थन
संस्थान में कार्यरत रूपेश कुमार ने बताया कि दूरदराज से आने वाली छात्राओं के लिए छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की छात्राओं को विशेष लाभ मिलेगा। स्थानीय लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि पहले उन्हें अपनी बेटियों को तकनीकी शिक्षा के लिए दूसरे जिलों में भेजना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें अपने ही जिले में यह सुविधा मिल रही है।
निष्कर्ष: किशनगंज जिले के लिए यह महिला ITI एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह न केवल बेटियों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि जिले के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।
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