किशनगंज: जिले में अवैध बालू खनन और उसके परिवहन पर प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए बुधवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई की है। जिला प्रशासन के निर्देश पर खनन विभाग ने गलगलिया चेकपोस्ट पर विशेष अभियान चलाकर बालू से लदे दो ट्रकों को जब्त किया। इन ट्रकों के पास वैध दस्तावेज नहीं पाए गए, जिसके बाद उन्हें कानूनी हिरासत में लिया गया।
इस कार्रवाई का नेतृत्व खनन निरीक्षक सुनील कुमार ने किया। खनन विभाग की टीम पहले से ही जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों और मुख्य चेकपोस्टों पर निगरानी बढ़ा चुकी थी। विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ ट्रक अवैध रूप से बालू का परिवहन कर रहे हैं, जिससे न सिर्फ पर्यावरण को खतरा पैदा हो रहा है बल्कि सरकारी राजस्व की भी भारी हानि हो रही है।
जब्त किए गए दोनों ट्रकों को पौआखाली थाना परिसर में खड़ा कर दिया गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जब्त ट्रकों के चालकों से पूछताछ जारी है और मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।

डीएम ने दी सख्त चेतावनी
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अवैध खनन को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा,
“अवैध बालू खनन न केवल पर्यावरणीय असंतुलन को बढ़ावा देता है, बल्कि यह राज्य सरकार के राजस्व को भी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे मामलों में शामिल लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
डीएम ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में जिले भर के अन्य संवेदनशील चेकपोस्टों पर भी इसी तरह की निगरानी और छापेमारी की जाएगी।

स्थानीय लोगों का समर्थन
प्रशासन की इस कार्रवाई को स्थानीय नागरिकों का भरपूर समर्थन मिला है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में अवैध बालू खनन के चलते नदियों की धारा और गहराई में अप्राकृतिक बदलाव देखने को मिला है, जिससे कृषि और भूजल स्तर भी प्रभावित हो रहा है।
स्थानीय ग्रामीण सुरेश यादव ने कहा, “प्रशासन ने सही समय पर एक्शन लिया है। अगर इस तरह की कार्रवाई समय-समय पर होती रहे, तो इलाके में अवैध खनन की समस्या पर लगाम लगाई जा सकती है।”

अगले कदम की तैयारी
खनन विभाग ने बताया कि जब्त ट्रकों के खिलाफ माइनिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। ट्रक मालिकों और परिवहनकर्ताओं की पहचान की जा रही है, ताकि कार्रवाई को अंतिम रूप दिया जा सके।
इसके साथ ही अन्य चेकपोस्टों पर भी निगरानी तेज कर दी गई है, और संभावित रूप से अवैध गतिविधियों की पहचान के लिए गुप्त टीमें भी सक्रिय की जा रही हैं।
निष्कर्ष: किशनगंज में खनन विभाग की यह कार्रवाई प्रशासन की गंभीरता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अगर इसी प्रकार निगरानी और कार्रवाई जारी रही, तो अवैध बालू खनन पर नकेल कसने में जिला प्रशासन सफल हो सकता है।
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