किशनगंज के पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने शनिवार को जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल होकर एक नई राजनीतिक शुरुआत की। पटना में जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की, जिससे पार्टी और सीमांचल क्षेत्र में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं।

भव्य स्वागत के साथ किशनगंज में प्रवेश
जदयू में वापसी के बाद जब गोपाल अग्रवाल शनिवार शाम किशनगंज पहुंचे, तो ठाकुरगंज में कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। नगर पंचायत ठाकुरगंज में उनके समर्थन में एक भव्य रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में समर्थकों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर जगह-जगह पर पुष्प वर्षा और नारों के साथ उनका स्वागत किया गया।

“पुराने घर में लौटने का अलग ही आनंद है” — गोपाल अग्रवाल
ठाकुरगंज में आयोजित एक प्रेस वार्ता में गोपाल अग्रवाल ने कहा, “पिछले 15 वर्षों से भले ही मैं पार्टी से औपचारिक रूप से जुड़ा नहीं था, लेकिन मेरी आत्मा हमेशा जदयू के साथ रही। आज जब मैं पार्टी में लौट रहा हूं, तो ऐसा लग रहा है जैसे मैं अपने घर लौट आया हूं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हालिया मुलाकात में जिस आत्मीयता और सम्मान से उन्होंने मुझे अपनाया, उससे यह स्पष्ट हो गया कि उनका स्नेह अब भी मेरे प्रति बरकरार है।”

विकास को बताया प्राथमिक एजेंडा
गोपाल अग्रवाल ने ठाकुरगंज के सर्वांगीण विकास को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि सीमांचल का विकास ही उनका मुख्य उद्देश्य रहेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री नौशाद आलम ने उन्हें जदयू में शामिल करवाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी कहा कि वे नौशाद आलम और वरिष्ठ नेता प्रहलाद सरकार के साथ मिलकर सीमांचल की समस्याओं को दूर करने की दिशा में काम करेंगे।
एनडीए की मजबूती पर जताया विश्वास
पूर्व विधायक ने दावा किया कि सीमांचल की सभी 24 विधानसभा सीटों पर एनडीए की स्थिति मजबूत है और आगामी चुनावों में इसका असर साफ दिखाई देगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि निकट भविष्य में नौशाद आलम को पार्टी में एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, जो सीमांचल की राजनीति को नई दिशा दे सकती है।
स्थानीय समस्याएं सुनीं, लोगों से की मुलाकात
किशनगंज पहुंचने के बाद गोपाल अग्रवाल ने ठाकुरगंज के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और आम जनता से संवाद किया। अपने निजी निवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं और उन्हें आश्वासन दिया कि जदयू में रहते हुए वे उन समस्याओं को सरकार तक पहुंचाएंगे और समाधान की दिशा में प्रयास करेंगे।
निष्कर्ष:
गोपाल अग्रवाल की जदयू में वापसी को सीमांचल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। उनके आने से न केवल जदयू को क्षेत्र में नई ऊर्जा मिली है, बल्कि एनडीए की रणनीति को भी मजबूती मिलने की संभावना है। अब देखना यह होगा कि उनकी वापसी का आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में क्या असर पड़ता है।
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