प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे से पहले बिहार की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब शनिवार की आधी रात नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूर्णिया के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) का औचक निरीक्षण किया। रात करीब 12:30 बजे बिना किसी पूर्व सूचना के तेजस्वी यादव अस्पताल पहुंचे, तो वहां मौजूद स्टाफ, डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी हक्का-बक्का रह गए।

मरीज बरामदे में, व्यवस्था चरमरा गई
तेजस्वी यादव सीधे अस्पताल परिसर के वार्डों और बरामदों की ओर बढ़े। वहां का नजारा देख वह visibly गुस्से में आ गए। बरसात के मौसम में कई मरीज खुले आसमान के नीचे बरामदों में पड़े हुए थे। कुछ के पास चादरें नहीं थीं, और जो थीं वे गंदी और कई दिनों से न बदली गई प्रतीत हो रही थीं।
उन्होंने मौके पर मौजूद मरीजों और परिजनों से बातचीत कर इलाज, दवाइयों और सुविधाओं की स्थिति के बारे में जानकारी ली। मरीजों ने बताया कि न तो दवाएं मिलती हैं और न ही डॉक्टर समय पर आते हैं।

शौचालय की गंदगी देख भड़के तेजस्वी
निरीक्षण के दौरान तेजस्वी यादव वॉशरूम की ओर भी गए, जहां गंदगी का आलम देख उनका पारा चढ़ गया। शौचालयों में बदबू, गंदे फर्श और टूटी टंकियों की तस्वीरें उन्होंने खुद अपने फोन से रिकॉर्ड कीं।

तेजस्वी यादव ने सरकार पर बोला सीधा हमला
निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत में तेजस्वी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा:
“यह वही अस्पताल है, जिसकी इमारत पर करोड़ों रुपये खर्च कर चमचमाता हुआ बोर्ड लगाया गया है। लेकिन अस्पताल के अंदर हकीकत बेहद शर्मनाक है। मरीजों की चादरें तक नहीं बदली जा रही हैं। ‘सतरंगी योजना’ के तहत चादरें नियमित रूप से बदली जानी चाहिए, लेकिन यहां कोई नियम नहीं चल रहा। यह जनता के साथ धोखा है।”
तेजस्वी ने एक मरीज का उदाहरण देते हुए बताया कि वह एक सप्ताह से ऑपरेशन का इंतजार कर रहा है, लेकिन अब तक कोई डॉक्टर उसकी सर्जरी करने नहीं आया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह सच्चाई दिखाई जाएगी जब वे यहां आएंगे?

वायरल हुआ वीडियो, प्रशासन में मचा हड़कंप
तेजस्वी यादव के इस औचक दौरे का वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया। वीडियो में अस्पताल की दुर्दशा, गंदे वॉशरूम, मरीजों की हालत और स्टाफ की लापरवाही को साफ देखा जा सकता है।
वीडियो वायरल होते ही GMCH के अधीक्षक डॉ. संजीव कुमार भी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया। हालांकि तेजस्वी यादव के तीखे सवालों के आगे उनकी सफाई फीकी पड़ी।
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य व्यवस्था
तेजस्वी यादव का यह निरीक्षण न केवल बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी दावों और जमीनी हकीकत में कितना फर्क है। प्रधानमंत्री के आगमन से पहले तेजस्वी यादव ने जिस तरह से अस्पताल की हालत को उजागर किया है, उससे राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है।
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या सरकार इस पर कोई सख्त कदम उठाएगी, या फिर यह मुद्दा भी अन्य ज्वलंत मामलों की तरह मीडिया की सुर्खियों से गायब हो जाएगा।
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