किशनगंज/ठाकुरगंज।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं, और इसी कड़ी में किशनगंज जिले की ठाकुरगंज विधानसभा सीट (संख्या-53) से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सोमवार को पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने जनता दल (यूनाइटेड) [JDU] के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया। उनके चुनावी मैदान में उतरने से सीमांचल क्षेत्र में JDU की स्थिति और मज़बूत मानी जा रही है।
नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए गोपाल अग्रवाल ने ठाकुरगंज को अपनी “कर्मभूमि” बताते हुए कहा, “पिछले 15 वर्षों से मैं लगातार जनसेवा में सक्रिय हूं। 2020 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ते हुए जनता का भरपूर समर्थन मिला। अब JDU परिवार का हिस्सा बनकर मैं विकास, रोजगार और सामाजिक न्याय के एजेंडे को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प लेता हूं।”

2020 में निर्दलीय थे, इस बार NDA का चेहरा
गोपाल अग्रवाल ने 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भाग लिया था, और 56,022 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। तब भी उन्होंने ठाकुरगंज में प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस बार वे JDU के टिकट पर मैदान में हैं, जिससे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को ठाकुरगंज में बड़ा फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है।

राजनीतिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि
52 वर्षीय गोपाल अग्रवाल अग्रवाल-मारवाड़ी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता ताराचंद धनुका, जिन्हें सीमांचल में “सूरजापुरी गांधी” के नाम से जाना जाता था, एक प्रसिद्ध सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता रहे हैं। राजनीतिक माहौल में पले-बढ़े गोपाल अग्रवाल ने 2000 से 2005 तक जिला परिषद सदस्य के रूप में कार्य किया। इसके बाद वे 2005 में समाजवादी पार्टी (सपा) से विधायक चुने गए और 2010 तक सदन में प्रतिनिधित्व किया।
राजनीति से कुछ समय दूरी बनाने के बाद 2010 से 2025 के बीच उन्होंने सामाजिक सेवा को प्राथमिकता दी और विभिन्न जनहित कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई।

शिक्षा और अनुभव
गोपाल अग्रवाल ने 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की है तथा स्नातक स्तर पर पार्ट-1 और पार्ट-2 की पढ़ाई पूरी की है। उनके अनुभव और जमीनी पकड़ को देखते हुए पार्टी नेतृत्व ने उन्हें फिर से राजनीतिक मंच पर उतारने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प
नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में गोपाल अग्रवाल ने JDU नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा जताते हुए कहा कि वे “जन-जन तक सरकार की कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने लोकसभा चुनाव में JDU और NDA की सफलता का हवाला देते हुए विश्वास जताया कि विधानसभा चुनाव में भी जनता उन्हें पूरा समर्थन देगी।
राजनीतिक समीकरणों पर असर
गोपाल अग्रवाल की उम्मीदवारी से ठाकुरगंज में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। सीमांचल की यह सीट जातीय और सामाजिक रूप से विविध है, जहां मुस्लिम, यादव, पिछड़ा वर्ग और व्यापारी समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। JDU द्वारा एक मजबूत उम्मीदवार उतारने से RJD और AIMIM जैसी पार्टियों की रणनीति पर भी असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
ठाकुरगंज में गोपाल अग्रवाल की वापसी न केवल JDU बल्कि पूरे NDA गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनावी ताकत बन सकती है। अब देखना यह होगा कि आगामी चुनाव में जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है — एक अनुभवी चेहरा जो पहले से उनके बीच रहा है, या कोई नया विकल्प।
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